विविधा

विविधा : हिंदी की साहित्यिक पत्रिका

Thursday, August 13, 2015

ग़ज़ल - राहुल गुप्ता

मुझको हिन्दुस्तानी लिखना 

बातें नयी पुरानी लिखना ।
गीत कोई रूमानी लिखना ।

मुश्किल वक्त कठिन राह में,
बच्चों की नादानी लिखना ।

हिन्दू मुस्लिम के झगड़ों को,
शासन की शैतानी लिखना ।

भूख गरीबी के आलम में,
सबको दाना पानी लिखना ।

मस्तानों की टोली के संग,
मस्ती भरी जवानी लिखना ।

देश धरा की बात लिखो तो,
धरती अपनी धानी लिखना ।

प्यार मोहब्बत की बातों में,
मीरा-सी दीवानी लिखना ।

मेरा परिचय पूछे 'राहुल',
मुझको हिन्दुस्तानी लिखना ।

-राहुल गुप्ता, (मथुरा)

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