आधुनिक कबीर- रघुविन्द्र यादव
क्यों कहते हैं रघुविंद्र यादव को आधुनिक कबीर
आधुनिक कबीर के दोहे/ आज के दोहे/ कलयुग के दोहे/ आज अगर कबीर जिन्दा होते तो ये होते आज के दोहे| नयी सदी के दोहे/ लोकप्रिय दोहे|
उपरोक्त शीर्षकों से आपने नीचे दिए दोहे सोशल मीडिया (फेसबुक, व्हाट्सएप्प, ब्लोगस्पॉट, ट्विटर और गूगल के अलावा अख़बारों की साइट्स आदि) पर खूब पढ़े होंगे| पढ़कर मन में कभी यह जिज्ञासा भी उठी होगी कि यह आधुनिक कबीर अथवा इन दोहों का लेखक कौन है| तो आज हम आपका परिचय उस कलमकार से करवा रहे हैं, जिसने इन दोहों की रचना की है| इन दोहों के रचियता नारनौल के वरिष्ठ साहित्यकार श्री रघुविन्द्र यादव हैं| जो हरियाणा प्रदेश ही नहीं देश के जानेमाने दोहाकार हैं| आपकी अब तक दोहे की दो पुस्तकें "नागफनी के फूल" और "वक्त करेगा फैसला" सहित कुल 14 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा दो पुस्तकें प्रकाशनाधीन हैं
नीचे दिए दोहे उनकी पुस्तक नागफनी के फूल में वर्ष 2011 में प्रकाशित हुए थे| जो सोशल मीडिया पर बेहद लोकप्रिय हुए हैं और अब तक एक करोड़ से अधिक लोग शेयर और कॉपी पेस्ट कर चुके हैं| इन दोहों के यूट्यूब पर दर्जनों विडियो उपलब्ध हैं| सुपरटोन कंपनी द्वारा बनाया गया विडियो अब तक एक ही लिंक पर एक करोड़ से अधिक बार देखा जा चुका है तो दूसरा विडियो 37 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है| यह संख्या संत कबीर के बाद दूसरे नंबर पर है|
श्री यादव शोध और साहित्यिक की राष्ट्रीय पत्रिका "बाबूजी का भारतमित्र" और वेब मैगज़ीन "विविधा" के संपादक हैं और महेंद्रगढ़ में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हैं| इतना ही नहीं आप जाने माने पर्यावरण कार्यकर्ता भी हैं और आजकल राष्ट्रीय जल बिरादरी की अरावली भू-सांस्कृतिक इकाई के समन्वयक और नागरिक चेतना मंच के अध्यक्ष भी हैं|
नई सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात!
बेटा कहता बाप से, तेरी क्या औकात !!
अब तो अपना खून भी, करने लगा कमाल !
बोझ समझ माँ बाप को, घर से रहा निकाल !!
पानी आँखों का मरा, मरी शर्म औ' लाज!
कहे बहू अब सास से, घर में मेरा राज !!
भाई भी करता नही, भाई पर विश्वास!
बहन पराई सी लगे, साली खासमखास !!
मंदिर में पूजा करें, घर में करे कलेश !
बापू तो बोझा लगे, पत्थर लगे गणेश !!
बचे कहाँ अब शेष हैं, दया, धर्म, ईमान !
पत्थर के भगवान् हैं, पत्थर दिल इंसान !!
फैला है पाखंड का, अन्धकार सब ओर !
पापी करते जागरण, मचा मचाकर शोर !!
-फीचर डेस्क
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