tag:blogger.com,1999:blog-365751449618881840.post1413156082368322012..comments2023-10-22T15:59:09.285+05:30Comments on विविधा : दोहा छंद में वर्णिक गणों का महत्वVividhaahttp://www.blogger.com/profile/04460633719543968175noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-365751449618881840.post-46012220279091667012021-06-26T12:02:09.926+05:302021-06-26T12:02:09.926+05:30आदरणीय बहुत सुंदर जानकारी । मात्रिक गण को आपने जिस...आदरणीय बहुत सुंदर जानकारी । मात्रिक गण को आपने जिस रूप में बताया है आँय स्थानो में वह इसके बिलकुल विपरीत है। वहाँ -<br />णगण =2 माताएँ <br />ढगण =3 मात्राएँ <br />डगण = चार मात्राएँ <br />ठगण = पाँच मात्राएँ <br />और टगण = छह मात्राएँ बताई है। कृपया शंका का समाधान करे। ओम प्रकाश शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09578278846416094466noreply@blogger.com