tag:blogger.com,1999:blog-365751449618881840.post3884414323375056244..comments2023-10-22T15:59:09.285+05:30Comments on विविधा : अरुण कुमार निगम के दोहे Vividhaahttp://www.blogger.com/profile/04460633719543968175noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-365751449618881840.post-36143325716845911952019-09-11T12:31:58.788+05:302019-09-11T12:31:58.788+05:30आदरणीय रघुविन्दर जी, मेरे दोहे चयनित करने हेतु आभा...आदरणीय रघुविन्दर जी, मेरे दोहे चयनित करने हेतु आभार।<br /><br />क्रमांक 7 का दोहा, क्रमांक 15 में रिपीट हो गया है। एक दूसरा दोहा पोस्ट कर रहा हूँ यदि पास द आये तो क्रम के 15 हेतु स्वीकार करने का कष्ट करेंगे। नया दोहा - <br /><br />अपना बेड़ा गर्क है, उनका बेड़ा पार।<br />लोकतंत्र को ढूँढिये, कहाँ पड़ा लाचार।।अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.com