कदम-कदम पर खार मिलेंगे/
बड़े लोग गद्दार मिलेंगे/
सच के पथ पर बढ़ते जाना,
फूलों के भी हार मिलेंगे/
दौलत वाले बिक सकते हैं,
फटेहाल खुद्दार मिलेंगे/
अपनी बस्ती में आ जाना,
कुत्ते भी वफादार मिलेंगे/
हम यदुवंशी देश धर्म पर,
मिटने को तैयार मिलेंगे// रघुविन्द्र यादव
बड़े लोग गद्दार मिलेंगे/
सच के पथ पर बढ़ते जाना,
फूलों के भी हार मिलेंगे/
दौलत वाले बिक सकते हैं,
फटेहाल खुद्दार मिलेंगे/
अपनी बस्ती में आ जाना,
कुत्ते भी वफादार मिलेंगे/
हम यदुवंशी देश धर्म पर,
मिटने को तैयार मिलेंगे// रघुविन्द्र यादव
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