आकाश की आँखों में
रातों का सूरमा
सितारों की गलियों में
गुजरते रहे मेहमां
मचलते हुए चाँद को
कैसे दिखाए कोई शमा
छुप छुपकर जब
चाँद हो रहा है जवां
चकोर को डर
भोर न हो जाएँ
चमकता मेरा चाँद
कहीं खो न जाए
मन बेचैन आँखे
पथरा सी जाएगी
विरह मन की राहे
रातें निहारती जाएगी
चकोर का यूँ बुदबुदाना
चाँद को यूँ सुनाना
ईद और पूनम पे
बादलो में मत छुप जाना
याद रखना बस
इतना न तरसाना
मेरे चाँद तुम खुद
चले आना
मनावर जिला धार (म प्र )
454446
रातों का सूरमा
सितारों की गलियों में
गुजरते रहे मेहमां
मचलते हुए चाँद को
कैसे दिखाए कोई शमा
छुप छुपकर जब
चाँद हो रहा है जवां
चकोर को डर
भोर न हो जाएँ
चमकता मेरा चाँद
कहीं खो न जाए
मन बेचैन आँखे
पथरा सी जाएगी
विरह मन की राहे
रातें निहारती जाएगी
चकोर का यूँ बुदबुदाना
चाँद को यूँ सुनाना
ईद और पूनम पे
बादलो में मत छुप जाना
याद रखना बस
इतना न तरसाना
मेरे चाँद तुम खुद
चले आना
-संजय वर्मा "दृष्टि "
125 शहीद भगत सिंह मार्गमनावर जिला धार (म प्र )
454446
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