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Tuesday, June 20, 2023

अहीरवाटी बोली का पहला कुण्डलिया छंद संग्रह है : आयो तातो भादवो

“आयो तातो भादवो” श्री सत्यवीर नाहड़िया को थोड़ा दिन पहल्यां छप्यो अहीरवाटी बोली को कुण्डलिया छंद संग्रह सै| अमें नाहड़िया का लिक्ख्या हुया 300 छंद छप्या सैं| नाहड़िया नै दुनियादारी सै जुड़ी घणखरी बातां पै छंद लिक्ख्या सैं| छन्दां म्हं रिश्ता-नाता, बेरोजगारी, महँगाई, तीज-त्यौहार, भाण-बेटी, खेल-खिलाड़ी, आबादी, संत-फकीर, नेता-महापुरुष, फौजी, जात-पात, धर्म का झगड़ा, गरमी-सरदी, मेह, लोक-परलोक, खेती-किसानी, चीन, पकिस्तान, भासा, दान-दहेज़, कैंसर, करोना, तीर्थ-नहाण, चेले-चमचे, गुरु, डीजे, कर्ज़ा-हर्जा सारी बात कवि नै लिक्खी सैं|

कवि ने गावां म्हं कही जाण आळी कहावत अर मुहवारा भी अपणा छन्दां म्हं ले राख्या सैं, इनका लेणा सैं छंद बहोत आच्छ्या बणगा| यो छंद देखो-

आयो तातो भादवो, पड़ै कसाई घाम।

के तै मारै घाम यो, के साझा को काम।

के साझा को काम, कहावत घणी पुराणी।

फूंक बगावै खाल, बड़ां की बात सियाणी।

फिक्को साम्मण देख,  नहीं झड़ लांबो लायो।

बचकै रहियो ईब, घाम भादो को आयो।

तीन सौ छन्दां म्हं कवि नै गागर म्हं सागर सो भर दियो| या तो बात हुई छन्दां का बिसय की|

अर जित तायं छन्दां का सिल्प की बात सै कुण्डलिया छंद लिखणा आसान काम ना सै, इसम्हं दोहा अर रोला छंद को ज्ञान होणों जरुरी सै अर साथ म्हं कुण्डलिया की भी जानकारी होणी चावै, जब जाकै कुण्डलिया लिक्ख्यो जाय सै| पर नाहड़ियो घणा ही दिनां सै छंद लिख रह्यो सै अर कती एक्सपर्ट हो रह्यो सै| किताब का छन्दां म्हं कमी को कोई काम ना सै| अर अं किताब की एक ख़ास बात और सै, वा या के या किताब अहीरवाटी बोली का छन्दां की पहली किताब सै, अं किताब सै पहल्यां छन्दां की किताब तो घणी ही छप लई, पर अहीरवाटी बोली म्हं आज तायं ना छपी| यो काम नाहड़िया नै लीक सै हटकै करयो सै| नाहड़िया जी घणी बधाई को पातर सै| यो छंद भी देख ल्यो-

हरयाणा की रागनी, रही सदा बेजोड़|

टेक कळी अर तोड़ की, कौण करैगो होड़|

कौण करैगो होड़ अनूठी सै लयकारी|

छह रागां की तीस, रागनी लाग्गैं न्यारी|

किस्से अर इतिहास, सदा सुर कै म्हं गाणा|

रीत गीत को मीत, रहै साईं न्यूँ हरयाणा||

किताब को कवर, छपाई अर कागज सारी चीज बढ़िया सैं, अर रेट भी 175 रुपया वाजिब ही सै| कुल मिलाकै बात या सै कि किताब नै खरीद कै पढोगा तो थारा पैसा वसूल हो जायंगा|

रघुविन्द्र यादव


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